एक अविवाहित शिक्षक का प्राचार्य को आवेदन एवं प्राचार्य द्वारा उसका उत्तर !

एक अविवाहित शिक्षक जो लड़की देखने के लिए अपने प्राचार्य महोदय को प्रार्थना पत्र देता है और देखिए प्राचार्य महोदय ने उस शिक्षक को क्या जवाब दिया आनंदित हो जाएंगे इस पत्र को पढ़कर…
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सेवा में,
प्राचार्य महोदय
रीवा

विषय : शादी करने के लिए कन्या दर्शनार्थ अवकाश

महोदय,
श्रीमान जी जैसा की आप जानते हैं कि शादी युगों युगों से चली आ रही एक ऐसी परम्परा है जिसके लिए एक पुरुष बहुत ही प्रफुल्लित होता है। महोदय मेरे पिता जी ने मुझे दूरसंचार के माध्यम से सूचित किया है कि वो मेरे लिए कन्या देखने जा रहें हैं, महोदय यद्यपि उन्होंने मुझे बुलाया तो नहीं परन्तु मेरी अभिलाषा है कि मै भी कन्या को देख आऊं !

महोदय जैसा की आप जानतें हैं कि हाल ही में शिक्षकीय लड़कों का क्रेज घट रहा है और शिक्षकीय लड़कों की शादी के लिए रिश्ते न के बराबर आ रहें हैं !

श्रीमान बड़ी ही मुश्किल से एक अच्छा रिश्ता मिला है, महोदय कन्या बहुत ही रूपवती, सुशील, गुणवती, विदुषी है जैसे टीवी सीरियल (रिश्ता क्या कहलाता है) में अभिनेत्री!

आदरणीय, मेरी विवाह की आयु भी अपनी अंतिम सीढ़ियों पर है अत: महोदय से निवेदन है कि मुझे 3 दिन का अवकाश देने की कृपा करें, आपकी महान कृपा होगी !
निवेदक — शिक्षक

? जवाब सुनिए ?

सेवा में,
प्रिय विवाहातुर शिक्षक

आपकी अभिलाषा से अवगत हुआ और आपके संशय से भी। विवाह युगों- युगों से निरन्तर चली आ रही परम्परा है और हमारे आस्तिक समाज में यह परम विश्वास है कि शादियाँ भगवान के यहां से ही तय रहती हैं, जहाँ होनी है वहीं होगी !

आप ऊपर के भगवान (परम पिता परमेश्वर) तथा नीचे के भगवान (अपने पिता) पर पूर्ण विश्वाश रखिये बिना आपके गए भी सब भला होगा। मुझपर भी विश्वास रखिये कि शादी तय होने पर मैं आपके अवकाश प्रार्थना-पत्र को स्वीकृत करने पर विचार अवश्य करूंगा !

आपका ऑफीसर होने के नाते एक और सलाह आपको दूँगा कि आप अभी-अभी अत्यन्त परिश्रम से कोरोना ड्यूटी तथा घर-घर जाकर शिक्षकीय कार्य पूरा किये हैं तो थोड़ा आपके चेहरे मोहरे में उतार-चढ़ाव आ गया है, जो कन्या के दर्शनार्थ उचित नहीं है और मुझे यह आशंका है कि कहीं आपके दर्शनोपरांत कन्या आपके रिश्ते को ठंडे बस्ते में न डाल दे !

अतः हे मेरे प्रिय शिक्षक मैं आपके अवकाश प्रार्थना-पत्र को आपके हित में नामंजूर करता हूँ ताकि आपका रिश्ता मंजूर हो सके, जाइए मन लगा कर कोरोना के नए कंटेन्मेंट जोन में ड्यूटीरत होइए और शादी-शुदा लोगों के परिवार की रक्षा करिए,तथा हमारा घर हमारा विद्यालय(HGHV)के तहत शिक्षकीय दायित्व को पूर्ण कीजिये !

– प्राचार्य की कलम से

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