T20 में भारतीय टीम की जीत पर राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रिया

भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया मे ऑस्ट्रेलिया को हराकर टेस्ट और द्विपक्षीय T20 श्रृंखला जीती ..

इस जीत पर विभिन्न दलों की राय इस प्रकार हो सकती हैं ..

भाजपा:-

सभी जातियों और धर्म के खिलाड़ियों ने मिलकर देश को गौरव के क्षण प्रदान किये।

ये जीत “सबका साथ सबका विश्वास” की जीत हैं।

भारत का डंका दुनिया में बज रहा है।

ये जीत लोकल फ़ॉर वोकल का श्रेष्ठ उदाहरण है।

काॅन्ग्रेस:-

ऐसा नही है कि भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में कोई श्रृंखला जीती हो।

हमारे राज में भी भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराया हैं।

फ़र्क सिर्फ इतना हैं इस बार “कप्तान” बदल गया। मोदी सरकार रनों की दलाली न करें।

किसान आंदोलन से ध्यान न भटकाए।
हम इस जीत पर संसद मे बहस चाहते हैं।

केजरीवाल:-

हमने श्रृंखला शुरू होने के पूर्व टीम के हारने पर जो आरोप लगाये थे। वो झूठे साबित हुए। हम लिखित में माफी मांगते हैं।

मायावती:- टीम में कितने दलित खिलाड़ी थे ?? ओपनिंग ब्राह्मणों ने क्यों की ?? मैन ऑफ द मैच ब्राह्मण को क्यों मिला ??

ये जीत मनुवादी जीत हैं। ये जीत दलित विरोधी हैं।

हम इस जीत के खिलाफ राष्ट्रपति जी को ज्ञापन सौपेंगे।

लालू:-

धुत !!!.. मोदीss .. मोदीss ..

अरे.. ई मोदी ऑस्ट्रेलिया जाके खेला का ??..

मोदी छक्का मारा का ?? ..

मोदीss .. मोदीss .. धुतss … बुड़बक !!.

ममता बनर्जी :-

टीम में कितना अल्पसंख्यक था ?? ..

टीम का एक भी पोरुस्कार अल्पसंख्यक को क्यों नोइ मिला ?? ..

टीम का कप्तान हिन्दू , उपकप्तान हिन्दू, मैन ऑफ द मैच सबका सब हिन्दू। हम पूछता हाय क्यों ??..

ये टीम सोम्प्रदायिक टीम हाय। ये जीत सोम्प्रदायिक जीत हाय। ये जीत सैक्युरिज्म का खिलाफ हाय।
हम सारा सैक्युलर ताकतों से ओपील कोरता हाय। इस सोम्प्रदायिक जीत का खिलाफ इकोट्ठा हो।

हम बोंगाल में इस जीत का खोशी बोनाने पर प्रोतिबंध लोगाता हाय। हम जीत का खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा।

टोंटी चोर:-

जीत के लिए बनाया रहा जश्न सरकार द्वारा किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने की साजिश है।

ये जीत भाजपा की जीत है। हम ऑस्ट्रेलिया पर भाजपा की जीत का जश्न नही मनाएंगे।

ओवैशी:-

संविधान में कहीं नही लिखा कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराए। कोई मेरी गर्दन पर बल्ला भी रख दे तो भी मैं जश्न नही मनाऊंगा।

ये जीत असंवैधानिक है। संविधान के खिलाफ है। हम इसकी कड़े शब्दों में मज़म्मत करते है।

वामपंथी:- न चीन ने भारत को क्रिकेट मे हराया। न भारत ने चीन को। अतः हमारा इस जीत से कोई लेना देना नही।

और अंत मे ..

रवीश कुमार:-

क्या भारत जैसे हजारों समस्याओं से जूझ रहे देश मे ऐसी जीत का जश्न मनाना जायज हैं ??

क्या भारत की ऑस्ट्रेलिया पर जीत से बेरोजगारी खत्म हो गई ??..

सबको रोजगार मिल गया ??..

महंगाई खत्म हो गई ??..

किसान आंदोलन खत्म हो गया ??..

क्या भारत की इस जीत से असहिष्णुता खत्म हो गई ??..

साम्प्रदायिकता खत्म हो गई ??..

क्या भारत का बंगाल चुनाव के ऐनवक्त पहले ऑस्ट्रेलिया को हराना कोई सियासी चाल तो नही ??..

क्या ये जीत सियासी जीत हैं ??..

क्या मोदी सरकार ऐसी जीत से वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहती हैं ??..

किसान आंदोलन के दौरान और बंगाल चुनाव के ऐनवक्त पहले ये जीत क्यों ??..

भारतीय क्रिकेट टीम इतने वर्षों तक क्या कर रही थी ??..

जवाब दे मोदी सरकार !!!…

— साभार: व्हाट्सप्प मैसेज!

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